बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से धान और मक्का को प्राकृतिक आपदाओं से मिलेगा सुरक्षा कवच
रिपोर्ट: विशेष संवाददाता, चाईबासा
पश्चिमी सिंहभूम जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने जिले के किसान भाइयों से अपील की है कि वे बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अवश्य उठाएं। खरीफ-2025 के तहत अधिसूचित फसलें — अगहनी धान एवं भदई मक्का — बीमा कराने योग्य हैं। किसान मात्र 1 रुपये का टोकन प्रीमियम जमा कर अपनी फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित कर सकते हैं।
31 अगस्त अंतिम तिथि
बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 निर्धारित है। किसान अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र या बैंक शाखा में आवश्यक दस्तावेज जमा कर आसानी से पंजीकरण करा सकते हैं।
उपायुक्त की अपील
उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने कहा:
“यह योजना किसानों की आय को सुरक्षित और स्थिर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी किसान भाई-बहन समय पर अपनी फसलों का बीमा कराएं और योजना का अधिकतम लाभ उठाएं।”
बीमा के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड (पहचान प्रमाण)
- खसरा/खतियान (जमीन के मालिक होने का प्रमाण)
- बैंक पासबुक (खाता संख्या व IFSC कोड)
- भूमि रजिस्ट्रेशन प्रमाण (भूमि की वैधता)
- वंशावली (पारिवारिक अधिकार का प्रमाण)
- स्वघोषणा पत्र (स्वयं द्वारा प्रमाणित विवरण)
किसान क्लेम (मुआवजा) प्रक्रिया
1. असफल बुआई (Prevented Sowing):
अगर किसी क्षेत्र में बाढ़ या सूखे के कारण 75% से अधिक खेतों में बुआई नहीं हो पाती, तो उस क्षेत्र के प्रत्येक बीमित किसान को बीमित क्षेत्र की 25% राशि मुआवजे के रूप में दी जाएगी।
2. फसल कटाई के बाद नुकसान:
यदि कटाई के बाद खेत में रखी फसल ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश या चक्रवात से नष्ट हो जाती है, तो किसान 72 घंटे के भीतर 14447 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
3. फसल कटाई के आधार पर:
कटाई के समय उपज का आकलन कर क्षति होने पर मुआवजा दिया जाएगा।