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“खेल अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बेहतर भविष्य का मार्ग है” – मनोज चौधरी

On: August 29, 2025 3:20 PM
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राष्ट्रीय खेल दिवस पर सरायकेला के समाजसेवी ने खिलाड़ियों के प्रोत्साहन और सुविधाओं की आवश्यकता पर दिया जोर

सरायकेला संवाददाता।
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष, एवेंजर क्लब अध्यक्ष और सक्रिय समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि खेल अब केवल मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि यह बेहतर भविष्य गढ़ने का सशक्त माध्यम बन चुका है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। यदि इन प्रतिभाओं को उचित प्रोत्साहन और आवश्यक सुविधाएं मिलें, तो निश्चित ही सरायकेला-खरसावां का नाम विश्व पटल पर और अधिक चमकेगा।


सरायकेला की माटी से निकली प्रतिभाएं

मनोज चौधरी ने कहा कि सरायकेला-खरसावां की माटी कला, संस्कृति और खेल प्रतिभाओं के लिए उर्वर रही है।

  • जिले को अब तक आठ पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुए हैं।
  • तीरंदाजी की अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दीपिका कुमारी यहां की देन हैं।
  • फुटबॉल, हॉकी, तैराकी और एथलेटिक्स में भी यहां के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया है।

उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में जिले के खिलाड़ियों ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में झारखंड ही नहीं बल्कि भारत का नाम रौशन किया है।


बुनियादी ढांचे की कमी से प्रभावित खिलाड़ी

समाजसेवी चौधरी ने चिंता जताते हुए कहा कि जिले में खेल की असीम संभावनाएं होने के बावजूद बुनियादी ढांचा दुरुस्त नहीं है।

  • सरायकेला फुटबॉल मैदान (SFC ग्राउंड), जो कभी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं का गवाह रहा है, आज इवेंट मैदान बनकर रह गया है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय संगठनों – भारतीय ओलंपिक संघ (IOA), भारतीय एथलेटिक्स महासंघ, भारतीय बैडमिंटन संघ, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय बास्केटबॉल संघ और भारतीय क्रिकेट संघ – में जिले की सक्रिय भागीदारी लगभग नगण्य है।
  • इससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने और संरचनात्मक समर्थन पाने में कठिनाई होती है।

“साफ नीयत और मजबूत ढांचा होगा तो बदलेगी तस्वीर”

चौधरी ने कहा कि सीमित संसाधनों और निष्क्रिय खेल संघों के बावजूद यहां की मिट्टी खेल प्रतिभाओं को जन्म देती रही है। तीरंदाजी के क्षेत्र में तो खिलाड़ियों ने न केवल शोहरत पाई है बल्कि रोजगार के अवसर भी हासिल किए हैं।

उन्होंने कहा –

“यदि जिला प्रशासन संवेदनशीलता दिखाते हुए बुनियादी ढांचा सुधार पर काम करे, और प्रभावशाली खेल संगठनों को जिम्मेदारी दी जाए, तो खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के मार्ग प्रशस्त होंगे। सरायकेला की धरती देश को और कई दीपिका कुमारी देने में सक्षम है।”

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