पथ निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप।
पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने महामहिम राज्यपाल से की सीबीआई जांच की मांग
रिपोर्ट: शैलेश सिंह।
झारखण्ड सरकार के पथ निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। झारखण्ड आंदोलनकारी एवं पूर्व विधायक श्री मंगल सिंह बोबोंगा ने महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखकर विभाग में हो रहे टेंडर मैनेजमेंट और कमिशन वसूली की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

सेवा निवृत्त अभियंता पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप
श्री प्रसन्न कुमार पर टेंडर मैनेज करने और रिश्वतखोरी की शिकायत
पूर्व विधायक के अनुसार, पथ निर्माण विभाग के सेवा निवृत्त अभियंता श्री प्रसन्न कुमार पर कार्यकाल के दौरान टेंडर मैनेज करने, संवेदकों से सांठगांठ कर निविदाएं आवंटित करने और मोटी कमीशन वसूलने के आरोप हैं। बोबोंगा का दावा है कि श्री कुमार के संवेदकों से व्यक्तिगत संपर्क थे और वे फ़ेसटाइम, व्हाट्सएप जैसे माध्यमों से टेंडर तय किया करते थे।
विधानसभा में भी उठा है मामला
विपक्ष के विधायक श्री सत्येन्द्र तिवारी ने भी उठाई थी आवाज
पूर्व विधायक ने यह भी उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार में विपक्ष के विधायक श्री सत्येन्द्र तिवारी ने भी विधानसभा में पथ निर्माण विभाग की निविदा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। हालांकि सरकार की ओर से जवाब असंतोषजनक रहा और कोई ठोस जांच नहीं हुई।
सेवा निवृत्ति के बाद भी सक्रिय रहने का आरोप
भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति की जांच की मांग
बोबोंगा ने यह भी आरोप लगाया कि सेवा निवृत्त होने के बावजूद श्री प्रसन्न कुमार विभागीय टेंडरों को प्रभावित कर रहे हैं और कमीशन वसूली का कार्य पहले की तरह ही जारी है। उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की आशंका जताते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI या ED) से जांच कराने की मांग की है।
राज्य सरकार की जांच पर नहीं भरोसा
राज्यपाल से केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच की मांग
पूर्व विधायक ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने राज्यपाल से अपील की कि वे स्वयं इस गंभीर विषय पर संज्ञान लें और भ्रष्टाचार मुक्त झारखण्ड के निर्माण हेतु निष्पक्ष केंद्रीय जांच के आदेश दें।
“जनता रहेगी आभारी”
झारखण्ड की विकास राशि की लूट पर लगे रोक: बोबोंगा
पत्र के अंत में मंगल सिंह बोबोंगा ने राज्यपाल से अपील करते हुए कहा, “आदिवासी राज्य की विकास निधि की लूट को रोकने के लिए केंद्रीय एजेंसी की निगरानी आवश्यक है। जनता हमेशा आपकी आभारी रहेगी यदि इस पर सख्त कार्रवाई होती है।”













