हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद पहली बार जिले में प्रवेश, मजदूरों ने फूल-मालाओं से किया सम्मान
गुवा संवाददाता।
मेघाहातुबुरु में शुक्रवार को झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन की ओर से एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला, जब यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे के आगमन पर हजारों मजदूरों ने उनका भव्य स्वागत किया। फूल-मालाओं और जयकारों के बीच हुए इस स्वागत समारोह ने पूरे क्षेत्र को मजदूर एकता के रंग में रंग दिया।

हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद पहली बार पहुंचे मेघाहातुबुरु
गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा कुछ माह पूर्व मजदूर नेता रामा पांडे को छह माह के लिए जिला बदर (एक्सटर्नमेंट) कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जहां से उन्हें स्टे ऑर्डर प्राप्त हुआ। इसी कानूनी राहत के बाद वे पहली बार मेघाहातुबुरु पहुंचे, जहां उनके स्वागत के लिए मजदूरों और यूनियन पदाधिकारियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
फूल-मालाओं और नारों से गूंजा वातावरण
रामा पांडे के आगमन पर मजदूरों ने “मजदूर एकता जिंदाबाद”, “रामा पांडे अमर रहें” और “शोषण के खिलाफ जंग जारी रहे” जैसे नारों से वातावरण गुंजायमान कर दिया। यूनियन सदस्यों ने उन्हें फूल-मालाएं पहनाकर और आतिशबाजी कर गर्मजोशी से स्वागत किया।
“मजदूर हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता” – रामा पांडे
सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे ने कहा कि झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन ने हमेशा मजदूरों के हक, सुरक्षा और सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी है और आगे भी यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा,
“आज मजदूर वर्ग पर आर्थिक असमानता और ठेकेदारी प्रथा का बोझ बढ़ता जा रहा है। हमें संगठित होकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा।”
उन्होंने कहा कि मजदूरों की मेहनत से ही उद्योग चलते हैं, लेकिन उन्हें उनका हक नहीं मिलता। ऐसे में यूनियन का कर्तव्य है कि वह आवाज उठाए और हर मोर्चे पर संघर्ष करे।
एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत – पांडे
अपने भाषण में पांडे ने कहा कि संगठन की ताकत एकजुटता में होती है। उन्होंने यूनियन के सदस्यों से आग्रह किया कि वे किसी भी परिस्थिति में संगठन के सिद्धांतों से विचलित न हों और एक-दूसरे का साथ देते रहें।
“मजदूर तब तक शक्तिशाली हैं, जब तक वे संगठित हैं। हमें अपनी एकता को टूटने नहीं देना है,”
उन्होंने कहा।
बैठक में उठे मजदूर हितों के कई मुद्दे
कार्यक्रम के दौरान मजदूर हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इनमें स्थायी नियुक्ति, वेतन विसंगति, सुरक्षा व्यवस्था, और सेल प्रबंधन द्वारा श्रम कानूनों के उल्लंघन जैसे विषय प्रमुख रहे। यूनियन ने इन मुद्दों पर जिला और राज्य स्तर पर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया।

पदाधिकारियों ने जताई एकता की भावना
इस अवसर पर यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी अफताब आलम, इंतकाब आलम, दयानंद कुमार, जी.एस. गिल, अमरनाथ यादव, राम हेस्सा, कमल रजक, राज नारायण शर्मा, शैलेश बारी, सोमा नाग, गोपीनाथ पान, मोहम्मद फैज समेत कई सदस्य मौजूद रहे। सभी ने संयुक्त रूप से संगठन की भावी रणनीति पर चर्चा की और मजदूर वर्ग के हित में सामूहिक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
मजदूरों में दिखा जोश और उत्साह
पूरे कार्यक्रम के दौरान मजदूरों में रामा पांडे को देखने और सुनने का उत्साह स्पष्ट झलक रहा था। जैसे ही वे मंच पर पहुंचे, लोग तालियों और नारों से उनका स्वागत करने लगे। सभा स्थल पर “मजदूर एकता जिंदाबाद” के बैनर और पोस्टर लगाए गए थे, जो पूरे माहौल को एक आंदोलनात्मक स्वरूप दे रहे थे।
संघर्ष और न्याय का प्रतीक बने रामा पांडे
स्थानीय मजदूरों का कहना है कि रामा पांडे हमेशा से मजदूरों की आवाज रहे हैं और उन्होंने अपने संघर्षों से संगठन को नई दिशा दी है।
एक यूनियन सदस्य ने कहा —
“रामा पांडे जैसे नेता मजदूरों के हक की सच्ची आवाज हैं। उनके नेतृत्व में मजदूरों को न्याय की उम्मीद है।”
अंत में हुई रणनीतिक बैठक
कार्यक्रम के अंत में एक विशेष बैठक हुई जिसमें यूनियन की आगामी रणनीति तय की गई। तय हुआ कि आने वाले दिनों में मजदूरों की लंबित मांगों को लेकर जिला प्रशासन और प्रबंधन के समक्ष ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही यदि मांगे नहीं मानी गईं तो शांतिपूर्ण आंदोलन की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे।















