सेल अस्पताल की लापरवाही से परिजन हुए परेशान, मजदूर यूनियन के दबाव पर शुरू हुई व्यवस्था
गुवा संवाददाता।
गुवा सेल के माइनिंग विभाग में कार्यरत डोजर ऑपरेटर सेलकर्मी मंगल केसरी की तबीयत शुक्रवार रात अचानक बिगड़ गई। रात करीब 8:30 बजे उन्हें गुवा सेल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उनकी स्थिति को गंभीर बताया और बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर ब्रह्मानंद अस्पताल रेफर कर दिया। बताया गया कि मंगल केसरी को किडनी से जुड़ी बीमारी थी और उन्हें नियमित डायलिसिस की आवश्यकता रहती थी।

अस्पताल में नहीं मिली एंबुलेंस, परिजन परेशान
रेफरल के बाद जब परिजनों ने एंबुलेंस की मांग की, तो अस्पताल प्रबंधन ने तत्काल सुविधा देने से इनकार कर दिया। इस लापरवाही से मरीज के परिवारजन बेहद परेशान और आक्रोशित हो उठे। गंभीर मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी, लेकिन परिवहन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
मजदूर नेता रामा पांडे आए आगे
स्थिति की जानकारी मिलते ही झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ मजदूर नेता रामा पांडे तुरंत अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मौके पर ही अस्पताल प्रशासन से बातचीत की और एंबुलेंस की मांग पर जोरदार पहल की।
कार्यकारी निदेशक से की सीधी बात
रामा पांडे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीधे सेल के कार्यकारी निदेशक श्री कमल भास्कर से फोन पर संपर्क किया और मरीज की तत्काल सहायता का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी भी कर्मचारी की जान से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता, इसलिए एंबुलेंस की व्यवस्था तत्काल की जाए।
साढ़े तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद मिली राहत
करीब साढ़े तीन घंटे की लगातार कोशिशों और दबाव के बाद अंततः अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और आधी रात करीब 12:00 बजे एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसके बाद मरीज जमशेदपुर ब्रह्मानंद अस्पताल के लिए रवाना हुआ।
स्थानीय लोगों ने की सराहना
इस पूरे घटनाक्रम में मजदूर नेता रामा पांडे की तत्परता और संघर्षशीलता की स्थानीय लोगों तथा सेलकर्मियों ने खुलकर प्रशंसा की। लोगों ने कहा कि यदि उन्होंने समय पर हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो मरीज की स्थिति और बिगड़ सकती थी।
मजदूरों की आवाज बनकर उभरे रामा पांडे
यह घटना एक बार फिर इस बात को साबित करती है कि रामा पांडे सिर्फ एक यूनियन नेता नहीं, बल्कि मजदूरों की वास्तविक आवाज हैं। उनकी सक्रियता से न केवल एक कर्मचारी की जान बची, बल्कि अस्पताल प्रशासन को भी अपने दायित्वों का एहसास हुआ।

अस्पताल प्रबंधन पर उठे सवाल
इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सेलकर्मियों का कहना है कि जब अस्पताल में आपातकालीन सेवाओं की सुविधा मौजूद है, तो फिर गंभीर मरीज को एंबुलेंस देने में इतनी देरी क्यों की गई?
यूनियन ने की जांच की मांग
घटना के बाद झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन ने इस लापरवाही की जांच कराने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि इस तरह की घटनाएं कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ती हैं और सेल प्रशासन को जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
जनता की जुबान पर एक ही नाम – रामा पांडे
गुवा, मेघाहातुबुरु और किरीबुरु क्षेत्र के मजदूरों में रामा पांडे का नाम जनता की जुबान पर है। बीमार, घायल या संकट में फंसे कर्मचारी की मदद के लिए वे हर समय तत्पर रहते हैं। शुक्रवार रात की यह घटना उनके जनसेवी चरित्र की एक और मिसाल बन गई।















