किरीबुरु व मेघाहातूबुरू खदानों की समस्याओं पर हुई अहम बैठक, प्रबंधन ने दिए शीघ्र कार्रवाई के निर्देश
किरीबुरू/गुवा संवाददाता।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु और मेघाहातूबुरू इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को सेल (SAIL) के कॉर्पोरेट कार्यालय पहुँचा और वहां प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान खदानों में कार्यरत श्रमिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

सुनील पासवान और अफताब आलम ने रखा खदानों का पक्ष
संघ के इस प्रतिनिधिमंडल में किरीबुरु खदान की ओर से सुनील कुमार पासवान और मेघाहातूबुरू की ओर से अफताब आलम शामिल थे। बैठक का मुख्य उद्देश्य खदान क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति, सेल पेंशन स्कीम (SPS) से संबंधित बकाया भुगतान और कर्मचारियों के कल्याण से जुड़ी लंबित मांगों पर चर्चा करना था।
सेल चेयरमैन की ओर से हरि मोहन झा ने की बैठक
सेल चेयरमैन अमरेन्दु प्रकाश के समयाभाव के कारण बैठक में प्रबंधन की ओर से हरि मोहन झा ने प्रतिनिधित्व किया। श्री झा ने दोनों खदानों के प्रतिनिधियों से विस्तारपूर्वक बातचीत की और सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने कई मामलों के शीघ्र निस्तारण का आश्वासन देते हुए कहा कि प्रबंधन श्रमिक हितों के प्रति प्रतिबद्ध है।
महाप्रबंधक को दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
बैठक के दौरान श्री झा ने कुछ शिकायतों पर तुरंत कदम उठाते हुए किरीबुरु-मेघाहातूबुरू के महाप्रबंधक (मानव संसाधन) अमित कुमार विश्वास को फोन पर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लंबित मामलों की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
संघ ने बताया कि कई सेवानिवृत्त कर्मियों को अब तक SPS का भुगतान नहीं मिला है, जिनमें किरीबुरु के कृष्ण रजक का मामला विशेष रूप से उल्लेखनीय है। श्री झा ने ऐसे सभी मामलों का पूरा ब्यौरा तलब किया ताकि जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जा सके।
दिल्ली में होगी अगली बैठक, उठेंगी बड़ी माँगें
संघ की ओर से यह भी बताया गया कि आने वाले दिनों में इस्पात मंत्रालय, सेल प्रबंधन और नॉन-एनजेसीएस यूनियनों की एक संयुक्त बैठक दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में ओवरटाइम बहाली, श्रम कानूनों के पालन, और खदान कर्मियों को NJCS (National Joint Committee for Steel) में प्रतिनिधित्व देने की मांगें प्रमुख रूप से उठाई जाएंगी।
संघ ने स्पष्ट कहा कि यदि सेल प्रबंधन ने किरीबुरु और मेघाहातूबुरू खदानों को NJCS में शामिल नहीं किया, तो वे खदानों के NMDC (नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) में विलय की मांग को आगे बढ़ाएंगे।
संघ ने जताया उम्मीद, कहा—अब उम्मीदें जागीं
बैठक के बाद संघ नेताओं ने बताया कि प्रबंधन का रवैया इस बार सकारात्मक रहा और कई पुराने मुद्दों पर ठोस पहल की उम्मीद जगी है। उन्होंने कहा कि अगर वादे समय पर पूरे हुए तो खदान कर्मियों में लंबे समय से जारी असंतोष को समाप्त करने में मदद मिलेगी।















