बैंक खाते से उड़ाए गए 11,200 रुपये, बढ़ती साइबर अपराध की घटनाओं से व्यापारियों में बढ़ा चिंता का माहौल
गुवा संवाददाता।
गुवा रेलवे मार्केट स्थित एसटीडी बूथ संचालक शंकर दास साइबर ठगों की चालाकी का शिकार हो गए। मंगलवार सुबह लगभग 11:45 बजे अचानक उनके बैंक खाते से 11,200 रुपये गायब हो गए। यह घटना न केवल शंकर दास को बल्कि पूरे स्थानीय व्यापारिक समुदाय को चौंका देने वाली बन गई है।

अज्ञात लिंक से हुआ संदिग्ध संपर्क
शंकर दास ने बताया कि उनके मोबाइल पर सियालजोड़ा, जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र निवासी विकास गोप के मोबाइल नंबर से एक संदिग्ध लिंक प्राप्त हुआ था। हालांकि उन्होंने उस लिंक को न खोला और न ही उस पर किसी प्रकार की क्रिया की, इसके बावजूद कुछ ही समय बाद उनके बैंक खाते से यह राशि गायब हो गई।
यूपीआई के जरिए अनैतिक ट्रांजैक्शन का खुलासा
शंकर दास ने तुरंत भारतीय स्टेट बैंक, गुवा शाखा में शिकायत दर्ज कराई। शाखा प्रबंधक ने जांच के बाद जानकारी दी कि उक्त राशि यूपीआई के माध्यम से राजू नामक व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर की गई है। शंकर दास ने साफ किया कि उन्होंने कभी भी राजू नामक व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर नहीं किए थे।

पुलिस कर रही तकनीकी जांच
शंकर दास ने गुवा थाना में भी आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की तह तक जाकर जांच में जुटी है ताकि यह पता चल सके कि साइबर ठगों ने लिंक भेजने और राशि ट्रांसफर के पीछे कौन सी तकनीकी चूक या हेरफेर किया।
व्यापारी बोले– बढ़ रहा है साइबर अपराध का ग्राफ
स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि गुवा एवं आसपास के क्षेत्र में साइबर ठगी की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। पहले यह अपराध मुख्य रूप से ग्रामीणों और आम उपभोक्ताओं को निशाना बनाकर किया जाता था, लेकिन अब व्यापारिक वर्ग भी खतरे की जद में आ गया है। उन्होंने प्रशासन एवं बैंक प्रबंधन से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विशेषज्ञों की चेतावनी
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ठग आमतौर पर फिशिंग लिंक या स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स के माध्यम से यूजर्स के बैंक अकाउंट तक पहुंच प्राप्त कर लेते हैं। बैंक और पुलिस लगातार लोगों को सचेत कर रहे हैं कि किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें। साथ ही, यूपीआई पिन, ओटीपी या बैंक से जुड़ी संवेदनशील जानकारी अंजान व्यक्ति के साथ साझा न करें।















