FIR दर्ज, बैंक और पुलिस जांच में जुटी; खातों से ट्रांजैक्शन कर उड़ाए गए करोड़ों
गुवा संवाददाता।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुवा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया की गुवा शाखा में एक बड़े बैंकिंग घोटाले का खुलासा हुआ है। इस घोटाले में शाखा के पूर्व प्रबंधक सुदीप सिंकु पर करीब 2.14 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। मामले की लिखित शिकायत वर्तमान शाखा प्रबंधक निलेश कुमार ने गुवा थाना में दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि यह मामला सिर्फ बैंक के भीतर की लापरवाही का नहीं, बल्कि पूर्व शाखा प्रबंधक द्वारा योजनाबद्ध तरीके से की गई धोखाधड़ी का प्रतीक है। रिपोर्ट सामने आने के बाद से आरोपी सुदीप सिंकु फरार हैं, और पुलिस उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
कैसे हुआ गबन का खुलासा?
इस गंभीर वित्तीय अनियमितता का पता उस वक्त चला, जब बैंक ऑफ इंडिया की जमशेदपुर कदमा शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक विश्वजीत कुमार ने गुवा शाखा में एक विशेष लेखा परीक्षा (स्पेशल ऑडिट) करवाई। ऑडिट रिपोर्ट में साफ तौर पर संकेत मिले कि SAIL (Steel Authority of India Limited) के एक खाते से बिना किसी अधिकृत आदेश के भारी भरकम राशि का ट्रांजैक्शन हुआ है।

इस लेखा परीक्षा में यह भी सामने आया कि ट्रांजैक्शन गोपनीय तरीके से किया गया और बैंकिंग नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। यह मामला सामने आने के बाद बैंक प्रशासन में हड़कंप मच गया।
घोटाले की पूरी साजिश: कब और कैसे हुआ गबन?
लेखा परीक्षा रिपोर्ट और पुलिस जांच के मुताबिक, घोटाले की शुरुआत 1 जुलाई 2021 को हुई।
इस दिन पूर्व शाखा प्रबंधक सुदीप सिंकु ने बिना किसी अधिकृत आदेश या अनुमति के, SAIL के खाते से ₹2,14,81,192 की राशि निकालकर एक पे ऑर्डर के माध्यम से अपने नियंत्रण में ले ली।
इसके बाद 16 जनवरी 2023 को सुदीप सिंकु ने वही राशि चार अलग-अलग व्यक्तियों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी। जिन व्यक्तियों के खातों का इस्तेमाल किया गया, उनके नाम हैं:
- अन्नु देवी
- मनोज निषाद
- पुनामी बोदरा
- कन्हैया कुमार साव
इन चारों खातों में ट्रांजैक्शन के बाद, सभी खातों से राशि की निकासी कर ली गई। जांच में यह भी सामने आया कि ट्रांजैक्शन के लिए बिना किसी दस्तावेज़ी प्रक्रिया के सिर्फ आंतरिक अधिकारों का दुरुपयोग किया गया।
गोपनीयता में की गई योजना, बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग
इस पूरे घोटाले में जिस तरह से बैंकिंग सिस्टम और आंतरिक प्रक्रिया का दुरुपयोग हुआ, वह बेहद चिंताजनक है। बैंकिंग नियमों के अनुसार, किसी भी खाते से बड़ी राशि निकालने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति, उच्चाधिकारियों की मंजूरी और कागजी कार्यवाही आवश्यक होती है। लेकिन यहां इन सभी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर, केवल शाखा प्रबंधक के अधिकारों का गलत फायदा उठाया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गबन सिर्फ एक व्यक्ति का काम नहीं, बल्कि इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की गहनता से जांच की जा रही है।
FIR दर्ज, आरोपी फरार
गुवा थाना प्रभारी नीतीश कुमार ने जानकारी दी कि शाखा के वर्तमान प्रबंधक की शिकायत पर पूर्व शाखा प्रबंधक सुदीप सिंकु के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। FIR में धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, और बैंकिंग कानूनों के उल्लंघन जैसी गंभीर धाराएं जोड़ी गई हैं।
थाना प्रभारी ने यह भी पुष्टि की कि घटना में शामिल अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच की जा रही है। जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ, उनके धारकों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे इस योजना में शामिल थे या उनका इस्तेमाल किया गया।
सुदीप सिंकु लंबे समय से फरार
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब से यह मामला उजागर हुआ है, आरोपी सुदीप सिंकु लगातार फरार चल रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उनका मोबाइल स्विच ऑफ है, और वे अपने पारिवारिक निवास जिंतुगड़ा (थाना जगन्नाथपुर) से भी गायब हैं। पुलिस की कई टीमों द्वारा संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है, लेकिन अभी तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है।
पुलिस को संदेह है कि सुदीप सिंकु ने गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी दूसरे राज्य में शरण ली हो सकती है। इसीलिए अब फरारी की सूचना सभी संबंधित जिलों को भेजी गई है, और अंतरराज्यीय स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
बैंक ने किया तत्काल निलंबन
मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक ऑफ इंडिया ने सुदीप सिंकु को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा भेजे गए निर्देश के अनुसार, बैंकिंग प्रक्रिया की सुरक्षा और छवि की रक्षा के लिए यह आवश्यक कदम बताया गया।
बैंकिंग विश्वास को झटका
इस तरह की घटनाएं आम जनता के बैंकिंग सिस्टम पर भरोसे को गहरी चोट पहुंचाती हैं।
जिस संस्था पर लोग अपनी जीवनभर की पूंजी सुरक्षित मानते हैं, वहां इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल आंतरिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि प्रणालीगत खामियों की ओर भी इशारा करती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामलों से बचने के लिए बैंक को अपनी मॉनिटरिंग व्यवस्था और ऑडिट प्रक्रिया को और सख्त करना होगा।
जांच जारी, जल्द होगी गिरफ्तारी: पुलिस
गुवा थाना प्रभारी ने विश्वास जताया है कि पुलिस टीम जल्द ही आरोपी को पकड़ने में सफल होगी।
इस केस को लेकर जिला पुलिस प्रशासन पूरी तरह सक्रिय और सतर्क है। वहीं बैंक भी अपने आंतरिक तंत्र के माध्यम से नुकसान की भरपाई और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है।















