समाजसेवी मनोज चौधरी बोले – “छऊ को मिलेगा विश्वस्तरीय पहचान”
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
छऊ कलाकारों के अस्तित्व की लड़ाई
खरसावां में आयोजित समीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए क्षेत्र के सक्रिय समाजसेवी सह आर्टिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक श्री मनोज चौधरी ने कहा कि छऊ कलाकारों के अस्तित्व और उनके वजूद को बचाए रखने के लिए निरंतर संघर्ष जारी है। उन्होंने कहा –
“विश्व प्रसिद्ध छऊ कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। सात पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बावजूद सरायकेला-खरसावां का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उन्होंने खरसावां के कलाकारों को “प्रतिभा की खान” बताते हुए शुभकामनाएं दी कि आने वाले समय में छऊ की पहचान विश्व मंच पर और मजबूत होगी।
छऊ की तीनों शैलियों को आगे ले जाने का संकल्प
श्री चौधरी ने कहा कि आर्टिस्ट एसोसिएशन का मुख्य लक्ष्य छऊ की तीनों शैलियों – सरायकेला, मयूरभंज और खरसावां – को विकास के मार्ग पर ले जाना है।
राजघराने का दृष्टिकोण
समारोह को संबोधित करते हुए विधायक प्रतिनिधि सह राजघराने के सदस्य अनूप कुमार सिंहदेव ने कहा कि –
“राजघराने की यह धरोहर न केवल क्षेत्र की पहचान है, बल्कि यह ईश-आराधना का माध्यम भी है।”
उन्होंने स्थानीय विधायक दशरथ गागराई की सराहना करते हुए कहा कि विधायक ने छऊ कला के उत्थान के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है।
कला केंद्रों के पुनः संचालन की पहल
कला, संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार जिले में छऊ की तीनों शैलियों के कलाकारों के प्रशिक्षण हेतु स्थापित कला केंद्रों के पुनः संचालन की दिशा में यह समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
इस मौके पर आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला मोहंती और सचिव सुदीप कवि ने भी संबोधित किया और खरसावां छऊ को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का संकल्प दोहराया।
40 कलाकारों की प्रतिभा की समीक्षा
समारोह में लगभग 40 कलाकारों की कला की समीक्षा की गई।
इस दौरान संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी श्री बृजेंद्र पटनायक, गुरु तरुण कुमार भोल, गुरु आशीष कर, वरिष्ठ कलाकार अविनाश कवि, पंकज साहू, संयोजक मोहम्मद दिलदार, पिनाकी रंजन, शचिंद्र दास, लखिंद्र नायक, सुदीप घोड़ेई, बसंत गणतायत सहित कई प्रतिष्ठित कलाकार उपस्थित रहे।