सीजीएम की अनुपस्थिति से नहीं बनी बात, मजदूरों में आक्रोश
गुवा संवाददाता।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने शुक्रवार शाम गुवा सेल जनरल ऑफिस के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे मजदूरों के बीच यूनियन ने अपनी 15 सूत्री मांग पत्र गुवा सेल प्रबंधन को सौंपा।
हालाँकि, प्रदर्शनकारी मजदूरों की सबसे बड़ी नाराज़गी इस बात को लेकर रही कि उस समय सेल के सीजीएम कमल भास्कर मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति में प्रबंधन की ओर से केवल इतना कहा गया कि यूनियन की मांगों की सूचना अधिकारियों तक पहुँचा दी जाएगी। इससे यूनियन नेताओं और मजदूरों में गहरा आक्रोश देखा गया।
यूनियन का आरोप : उदासीन और मजदूर विरोधी रवैया
मजदूरों को संबोधित करते हुए संघ के महामंत्री अंतर्यामी महाकुड़ ने कहा कि गुवा अयस्क खान में कार्यरत स्थाई और ठेका मजदूरों की समस्याओं को लेकर यूनियन कई बार प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कर चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा –
“प्रबंधन की उदासीनता और मजदूर विरोधी नीति के कारण मजदूरों की जायज़ मांगें सालों से लंबित हैं। अगर हमारी मांगें शीघ्र पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।”
15 सूत्री मांग पत्र में प्रमुख बिंदु
संघ ने अपने मांग पत्र में जिन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया, उनमें शामिल हैं –
- ठेका कर्मियों से ए-रजिस्टर पर ज्वाइनिंग तिथि बिना हस्ताक्षर कराना बंद हो।
- जैसे स्थाई कर्मियों को सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले सूचना दी जाती है, वैसे ही ठेका कर्मियों को भी मिले।
- ठेका कर्मियों के नो-स्टॉक मेडिसिन बिल का भुगतान तुरंत शुरू किया जाए।
- रात्रि भत्ता और सीक छुट्टी में वृद्धि की जाए।
- स्थाई व ठेका कर्मियों के आश्रित तथा तकनीकी शिक्षा प्राप्त स्थानीय युवाओं के लिए PGPT प्रशिक्षण शीघ्र शुरू हो।
- जिन ठेका कर्मियों का अपग्रेडेशन नहीं हुआ है, उनका अपग्रेडेशन जल्द किया जाए।
- गुवा खान में हुई दुर्घटना में मृतक स्थाई मजदूर और घायलों के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
- कोलकाता गेस्ट हाउस की सुविधा किसी भी हाल में बंद न की जाए।
- मेनपावर की कमी को स्थानीय स्तर पर बहाली से दूर किया जाए।
- लिखित परीक्षा की तैयारी के लिए गुवा के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए।
- निम्न पद पर रहकर भारी मशीन, प्लांट व इलेक्ट्रिकल कार्य कर रहे कर्मियों को डाउन ग्रेड प्रमोशन मिले।
- मजदूरों का भुगतान समय पर न करने वाले और रिट्रेचमेंट बेनिफिट रोकने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया जाए।
- 10 वर्षों से शिपिंग विभाग में लोडिंग, डिगिंग और अतिरिक्त कार्य कर रहे ठेका कर्मियों को नियमित किया जाए।
- जॉब कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मियों को मेडिकल बुक उपलब्ध कराया जाए।
- ठेका कर्मियों के लिए पेंशन योजना लागू की जाए।
मजदूरों में आक्रोश, आगे आंदोलन की चेतावनी
यूनियन नेताओं ने कहा कि मजदूरों की मांगें हक और इंसाफ से जुड़ी हैं। यदि प्रबंधन अब भी चुप रहा तो मजदूर संघर्ष संघ और उग्र आंदोलन करेगा।
धरना स्थल पर मौजूद एक मजदूर ने कहा –
“हम सालों से खान में खून-पसीना बहा रहे हैं। लेकिन न तो समय पर वेतन मिलता है, न हक की सुविधाएँ। अब हम चुप नहीं बैठेंगे।”