लीज़ नवीनीकरण अटका, 18 अगस्त से टाटा स्टील ने रोक दिया ऑपरेशन, पूरे इलाके में छाया सन्नाटा
रिपोर्ट – शैलेश सिंह
पश्चिमी सिंहभूम। टाटा स्टील की विजय-2 लौह अयस्क खान में 18 अगस्त 2025 से खनन कार्य और डिस्पैच पूरी तरह ठप हो गया है। वजह—खदान की लीज़ अवधि समाप्त होना और उसका नवीनीकरण प्रक्रिया में अटक जाना। अचानक काम बंद होने से हजारों मजदूरों, हाईवा मालिकों, चालकों और हेल्परों पर रोज़ी-रोटी का संकट गहरा गया है।
मजदूरों की पीड़ा – “नो वर्क, नो पे तो हम भूखों मर जाएंगे”
खदान में विभिन्न वेंडरों के अधीन काम करने वाले मजदूरों ने गुस्से और दुख के साथ अपनी हालत बयां की। उनका कहना है –
“हम कंपनी की रीढ़ हैं, उत्पादन का पहिया हमसे चलता है। लेकिन अचानक खदान बंद कर देने से हम सड़क पर आ गए। नो वर्क, नो पे का नियम लागू होगा तो परिवार भूखों मर जाएगा। सरकार और कंपनी दोनों हमारी मदद करें।”
मजदूरों ने यह भी कहा कि जब तक लीज़ से जुड़ी समस्या का समाधान नहीं हो जाता, कंपनी प्रबंधन और वेंडर हमें आर्थिक मदद दें ताकि घर का चूल्हा जलता रहे।
एक वेंडर ने दिया अगस्त तक वेतन, बाकी भी आगे आएं
जानकारी के मुताबिक खदान से जुड़े एक वेंडर ने अपने अधीन मजदूरों को अगस्त माह तक का वेतन देने का आश्वासन दिया है। मजदूरों की मांग है कि बाकी सभी वेंडर भी इंसानियत दिखाते हुए अगस्त महीने तक का पूरा वेतन अपने कर्मचारियों को दें।
प्रबंधन का पत्र – “स्थिति हमारे नियंत्रण से बाहर”
विजय-2 लौह अयस्क खान प्रबंधन ने वेंडरों को पत्र भेजकर 18 अगस्त से सभी ऑपरेशन और सेवाएँ अगली सूचना तक स्थगित करने का निर्देश दिया है।
पत्र में कहा गया है कि –
- लीज़ नवीनीकरण की प्रक्रिया चल रही है, इसमें कुछ और दिन लग सकते हैं।
- डीएफओ सरंडा ने भी स्पष्ट कर दिया है कि जब तक लीज़ विस्तार की वैधता नियमित नहीं होती, तब तक खनन व डिस्पैच बंद रहेंगे।
- यह स्थिति टाटा स्टील के नियंत्रण से बाहर है।
हालांकि पत्र में यह भी उल्लेख है कि कार्यालय परिसर में स्वच्छता जैसी आवश्यक सेवाएँ जारी रहेंगी।
पत्र पर विवेक कुमार अग्रवाल, हेड माइनिंग ऑपरेशंस – विजय-2 खान, टाटा स्टील लिमिटेड के हस्ताक्षर हैं।
खदान क्षेत्र में पसरा सन्नाटा, भविष्य को लेकर चिंता
खदान बंद होने के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा छा गया है। हाईवा खड़े हैं, मशीनें थमी हुई हैं, मजदूर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। परिवार के भविष्य को लेकर सभी चिंतित हैं। स्थानीय दुकानदारों से लेकर छोटे व्यापारियों तक पर इसका असर पड़ने लगा है।
मजदूरों की पुकार – सरकार जल्द करे हस्तक्षेप
मजदूरों और उनके परिवारों की सबसे बड़ी मांग यही है कि सरकार जल्द से जल्द खदान की लीज़ नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी करे और कंपनी मजदूरों को इस कठिन दौर में आर्थिक मदद प्रदान करे।