अनिश्चितकालीन हड़ताल से अस्पताल और परिसर की व्यवस्था ठप होने का खतरा
गुवा संवाददाता।
गुवा सेल में सफाई कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन के बैनर तले यह आंदोलन शुरू होगा। सफाई कर्मियों का कहना है कि उनकी मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है और अब बिना लिखित समझौते के वे कार्य पर नहीं लौटेंगे।

प्रमुख मांगें
सफाई कर्मियों ने जो मांगें रखी हैं, उनमें शामिल हैं:
- रोईदास करूवा और किशन गोच्छाईत को तत्काल पुनः कार्य में बहाल किया जाए।
- सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।
- मौजूदा 10% अतिरिक्त वेतन भत्ता बढ़ाकर 40% किया जाए।
- जिन सफाई कर्मियों को आवास आवंटित नहीं है, उन्हें ₹3000 प्रतिमाह आवास भत्ता मिले और आवास आवंटन में प्राथमिकता दी जाए।
- सफाई कर्मियों को हर साल दो जोड़ी ड्रेस, जूता, हेलमेट और दस्ताना उपलब्ध कराया जाए।
- 5-10 वर्षों से ठेका पर काम कर रहे कर्मियों को नियमित किया जाए।
- पदोन्नति का प्रावधान सफाई विभाग में भी लागू किया जाए।
- सेवानिवृत्त कर्मियों के आश्रितों को शिक्षा व योग्यता के आधार पर रोजगार दिया जाए।
हड़ताल का असर
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे कार्य पर नहीं लौटेंगे। हड़ताल की वजह से गुवा सेल अस्पताल, कॉलोनी और आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप होने की आशंका है। इससे न केवल सेल प्रबंधन को दिक्कत होगी बल्कि स्थानीय लोग भी गंदगी और बदबू से परेशान होंगे।
यूनियन का रुख
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के महामंत्री अंतर्यामी महाकुड़ ने कहा—
“हमारी मांगें नई नहीं हैं। वर्षों से इन्हें उठाया जा रहा है लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। अब मजबूरन हमें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा है। जब तक लिखित समझौता नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।”
यह हड़ताल गुवा सेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। सवाल यह है कि प्रबंधन सफाई कर्मियों की मांगों को मानकर समाधान खोजता है या फिर टकराव की स्थिति और गहराएगी।















