उपायुक्त ने दिए निर्देश – बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से पहुंचे
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय के सभागार में रविवार को एकीकृत बाल संरक्षण योजना, बाल कल्याण, बाल सुधार गृह, बाल तस्करी, पोक्सो एवं बाल मजदूर जैसे गंभीर विषयों पर समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने की। इस अवसर पर सहायक समाहर्ता श्री सिद्धांत कुमार, जिला श्रम अधीक्षक श्री अविनाश ठाकुर, सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा कोषांग) श्री खुशेन्द्र सोनकेसरी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्रीमती पुनीता तिवारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
मिशन वात्सल्य एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा
बैठक में सर्वप्रथम पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुपालन प्रतिवेदन का अवलोकन किया गया। इसके बाद मिशन वात्सल्य योजना के तहत संचालित स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर (पालन-पोषण देखभाल योजना) तथा बाल देखरेख संस्थानों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि अब तक 237 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के दायरे में लाया गया है। आज की बैठक में 101 नए बच्चों को स्पॉन्सरशिप और 7 बच्चों को फोस्टर परिवार से जोड़े जाने की स्वीकृति दी गई। इन योजनाओं के तहत प्रत्येक लाभुक को ₹4000 प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जाती है।
ईंट-भट्ठों के मजदूर बच्चों की शिक्षा पर फोकस
उपायुक्त ने श्रम विभाग की रिपोर्ट पर विशेष जोर देते हुए कहा कि जिले के सभी ईंट-भट्ठों पर कार्यरत मजदूरों के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर नजदीकी विद्यालयों की पहचान करने और बच्चों का नामांकन कराने का निर्देश दिया गया।
चक्रधरपुर में विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी
बैठक में यह भी तय किया गया कि चक्रधरपुर में खाली पड़े विद्यालय भवन को चिन्हित कर विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी के संचालन हेतु स्थानांतरित किया जाएगा। उपायुक्त ने इस प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया।
बाल तस्करी रोकने और हेल्पलाइन के प्रचार पर जोर
उपायुक्त ने बाल संरक्षण मुद्दों, विशेषकर बाल तस्करी की रोकथाम पर बल देते हुए सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में चाइल्ड हेल्पलाइन-1098 और समेकित हेल्पलाइन-112 का नंबर अंकित कराने के निर्देश दिए। साथ ही पोस्टरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करने की बात कही।
एनजीओ से जुड़कर बच्चों का कौशल विकास
बैठक में बाल देखभाल गृह के अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि बच्चों के कौशल उन्नयन हेतु इच्छुक गैर-सरकारी संस्थानों (एनजीओ) से गैर-वित्तीय एमओयू किया जाए, ताकि बच्चों के व्यक्तित्व विकास एवं आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सके।