मनमानी रवैया और अभद्र व्यवहार के आरोप, कांग्रेस नेता ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
गुवा संवाददाता।
नोवामुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) पप्पु रजक के खिलाफ प्रखंड राशन डीलर संघ ने मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को प्रखंड सभागार में ई-केवाईसी से जुड़ी बैठक के दौरान बीडीओ पर अभद्र व्यवहार और मनमानी का आरोप लगाते हुए डीलर संघ ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।

बैठक से बाहर निकाले गए डीलर और पदाधिकारी
सूत्रों के अनुसार, जिला से प्रतिनियुक्त सदर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सुशील कांडीर जैसे ही सभागार पहुंचे और राशन डीलरों के साथ बैठक शुरू करने का प्रयास किया, बीडीओ पप्पु रजक ने कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए सभी को बाहर निकाल दिया। इस घटना ने डीलर संघ में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया।
बैठक का बहिष्कार और चेतावनी
प्रखंड राशन डीलर संघ ने घटना का विरोध करते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया और साफ चेतावनी दी कि जब तक पप्पु रजक प्रखंड में पदस्थापित रहेंगे, वे किसी भी बैठक में शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस नेता का तीखा हमला
डीलर संघ ने मामले की शिकायत कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह बीस सूत्री कार्यान्वयन समिति अध्यक्ष मंजीत प्रधान से की।
मंजीत प्रधान ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा—
“बीडीओ के खिलाफ उपायुक्त से अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन और स्थानांतरण की अनुशंसा की जानी चाहिए। प्रखंड के अधिकांश पंचायत प्रतिनिधि भी उनसे नाराज हैं।”
आरोपों की लंबी फेहरिस्त
बीडीओ पप्पु रजक पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं—
- कार्यालय में उपस्थिति पर सवाल: दोपहर 12 बजे के बाद पहुंचते हैं और मात्र एक घंटे में निकल जाते हैं।
- गेस्ट हाउस में समय बिताने का आरोप: अधिकतर समय टाटा स्टील गेस्ट हाउस में आराम फरमाने की चर्चा।
- जनता की परेशानी: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक कार्यों में लोगों को अनावश्यक रूप से परेशान करना।
- अधीनस्थ कर्मियों से असहमति: अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से भी सही तालमेल न होना।
आंदोलन की तैयारी
मंजीत प्रधान ने साफ कहा कि यदि बीडीओ के खिलाफ जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो डीलर संघ के आंदोलन को व्यापक जनसमर्थन दिया जाएगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
यह विवाद अब सिर्फ राशन डीलरों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पंचायत प्रतिनिधियों और राजनीतिक मंचों तक जा पहुंचा है। जिले के लिए यह देखने की बात होगी कि प्रशासन इस बढ़ते असंतोष पर क्या कदम उठाता है।
















