छात्रों ने गीत, कविता, भाषण और नाट्य प्रस्तुति से हिंदी के महत्व को रेखांकित किया
नोवामुंडी। डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, नोवामुंडी में हिंदी पखवाड़ा बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने विविध कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी भाषा के प्रति अपने सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के संगीत शिक्षक ए.के. ठाकुर के नेतृत्व में छात्राओं द्वारा स्वागत गान से हुआ। इसके बाद प्रतिज्ञा और आर्य समाज के नियम एवं महत्व गान प्रस्तुत किए गए। कक्षा सातवीं के छात्रों ने सामूहिक कविता वाचन कर समां बांधा। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं ने सामूहिक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हिंदी की प्रासंगिकता और जीवन में उसके महत्व को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया।
प्रतियोगिताओं में छात्रों का उत्साह
पखवाड़े के अंतर्गत हिंदी कविता पाठ, निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें छात्रों ने हिंदी साहित्य और भाषा की महत्ता पर अपने विचार रखे। प्रतिभागियों ने हिंदी को केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा बताया।

मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि उदय प्रताप सिंह (कॉर्पोरेट संचार समिति, टाटा स्टील नोवामुंडी) ने कहा—
“हिंद देश के निवासी हम सब जन एक हैं, रंग-रूप, वेश-भाषा चाहे अनेक हों। हिंदी हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है। यही भाषा पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधती है।”
शिक्षकों के विचार
विद्यालय के हिंदी शिक्षक राजेश राम ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है और इसका सम्मान करना सभी का कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े का उद्देश्य छात्रों में हिंदी के प्रति गर्व और रुचि की भावना बढ़ाना है।
प्रधानाचार्य प्रशांत कुमार भुइयां ने कहा—
“हिंदी भाषा देश के नागरिकों को एकता के सूत्र में बांधती है। यह हमारी राजभाषा है और जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सभी के दिलों में राज करती है। हमें गर्व है कि हमारे छात्र हिंदी के प्रति सम्मान और प्रेम बनाए हुए हैं।”
वरिष्ठ संस्कृत शिक्षक सुरेश पंडा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मातृभाषा की उन्नति ही हर प्रकार की उन्नति का आधार है। हिंदी के बिना मन की भावनाओं को पूर्ण रूप से व्यक्त करना संभव नहीं है।

सफल आयोजन में सभी का योगदान
कार्यक्रम का समापन शांति पाठ और राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन आदित्य मिश्रा और अदिति सिंह ने किया। कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में सी.सी.ए. प्रभारी देवेंद्र देव का योगदान रहा, वहीं अनुशासन व्यवस्था में क्रीड़ा शिक्षक हर्ष धनवार मुस्तैद दिखे।
अभिभावकों और शिक्षकों की सक्रिय उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।















