पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुंडा का कड़ा बयान, भाजपा को दी झारखंड के निर्माण की श्रेय की बात
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
गुवा गोलीकांड शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुंडा ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने झारखंड के आदिवासियों पर गोलियां चलवा कर एक भयानक अपराध किया था। आज भी उस घटना की स्याही झारखंड की मिट्टी पर सूखी नहीं है और इतिहास कभी भी इसे माफ नहीं करेगा।
शहीद बेदी पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की
पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुंडा कार्यक्रम स्थल पर शहीद बेदी पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा,
“यह केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उन आदिवासी शहीदों के संघर्ष को याद करने का सच्चा तरीका है, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर आजादी, न्याय और अधिकार की लड़ाई को आगे बढ़ाया।”
कांग्रेस की काली इतिहास की याद दिलाई
अजुर्न मुंडा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गुवा गोलीकांड आदिवासी समाज के विरुद्ध तत्कालीन कांग्रेस सरकार की संगठित साजिश थी।
“जल, जंगल और जमीन के हक की लड़ाई लड़ रहे आदिवासियों पर गोलियां चलवा कर निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा गया। यह नरसंहार का शिकार सिर्फ आदिवासी ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या थी। इतिहास इसे कभी नहीं भुलाएगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि आजादी से पहले से चली आ रही यह लड़ाई आजादी के बाद भी जारी रही। आदिवासियों को उनका हक दिलाने की दिशा में न केवल आज के भाजपा नेतृत्व ने काम किया, बल्कि वर्ष 2000 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनने के तुरंत बाद झारखंड को अलग राज्य का दर्जा प्रदान किया। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी।
आदिवासियों की जमीन लूटने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री ने वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा,
“आज झारखंड में आदिवासियों की जमीन पर लगातार अवैध कब्जा किया जा रहा है। सरकारी षड्यंत्र के तहत आदिवासियों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जल-जंगल-ज़मीन पर अवैध अतिक्रमण हो रहा है। आदिवासियों के मूल अधिकार लगातार छीने जा रहे हैं।”
उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा,
“ऐसे आयोजनों में शहीदों की याद मनाना तो केवल दिखावा है। असली श्रद्धांजलि तब होगी, जब उनके हक और अधिकार को कानूनी रूप से सुनिश्चित किया जाएगा। अन्यथा ये कार्यक्रम केवल प्रदर्शन बनकर रह जाएंगे।”
शहीदों का सपना अधूरा, ठोस कानून की आवश्यकता
अजुर्न मुंडा ने जोर देते हुए कहा,
“शहीदों का सपना अधूरा है। जब तक आदिवासियों को उनका वास्तविक हक नहीं मिलेगा, जब तक उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सशक्त कानून नहीं बनेगा, सरकार के ये आयोजन केवल शब्दों में ही सीमित रह जाएंगे।”
उन्होंने सरकार से सख्त अपील की,
“झारखंड सरकार को चाहिए कि वे आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के हक को कानूनी रूप से सुरक्षित करें। उन्हें अमलीजामा पहनाकर आदिवासी समाज को सशक्त और सशंकु बनाएं।”
भाजपा नेतृत्व और अन्य नेताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व मंत्री बड़ कुंवर गागराई, पूर्व विधायक शशि भूषण सामड, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुविद सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। उन्होंने भी पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुंडा के विचारों का समर्थन करते हुए सरकार की नीति पर कड़ा प्रहार किया।
गिता कोड़ा ने कहा,
“आदिवासियों की समस्या को केवल कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रखा जा सकता। हमें उनका विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए ठोस पहल करनी होगी।”
निष्कर्ष : शहीदों की याद में वास्तविक बदलाव की आवश्यकता
गुवा गोलीकांड शहादत दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शहीदों को याद करने का दिन था, बल्कि आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज उठाने का एक महत्वपूर्ण मंच भी बना। अजुर्न मुंडा का स्पष्ट संदेश था – आदिवासियों की लड़ाई को सरकार द्वारा राजनीतिक रूप से भुलाया नहीं जा सकता। यह संघर्ष उनके हक और अधिकार की लड़ाई है, जो हर सरकार को कानूनी रूप से सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
पूर्व मुख्यमंत्री अजुर्न मुंडा ने समापन में सभी से अपील की,
“हम मिलकर आदिवासी समाज को उसका सम्मान, उसकी अस्मिता और अधिकार दिलाने का कार्य करेंगे। किसी भी सत्ताधारी सरकार की नीति से हम समझौता नहीं करेंगे। आदिवासियों की आज़ादी अधूरी नहीं रहने देंगे।”