26 सितंबर को जगन्नाथपुर से अनुमंडल कार्यालय तक निकलेगी विशाल रैली
रिपोर्ट: शैलेश सिंह।
कुड़मी/कुर्मी महतो को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में रविवार को जगन्नाथपुर के कोल्हान हितैषी पुस्तकालय, आदिवासी क्लब परिसर में आदिवासी समुदाय की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता सोमा कोड़ा ने की।

आदिवासी समाज ने जताई गहरी चिंता
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि यदि कुड़मी महतो को आदिवासी का दर्जा दिया जाता है तो इसका सीधा असर मौलिक अधिकार, आरक्षण, पहचान, संस्कृति, भाषा और अस्तित्व पर पड़ेगा। वक्ताओं ने इसे आदिवासी अस्मिता और भविष्य पर हमला बताया।
कुड़मी समाज पर आरक्षण लूटने का आरोप
बैठक के संयोजक लक्ष्मीनारायण गगाराई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कुड़मी समाज झारखंड और केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर खुद को एसटी सूची में शामिल कराने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रयास आदिवासी समाज का अधिकार छीनने की साजिश है।
उन्होंने कहा –
“झारखंड में 81 विधानसभा सीटों में से 28 और लोकसभा की 47 सीटें आदिवासी आरक्षित हैं। 24 दिसंबर 1996 को पारित पैसा एक्ट में स्पष्ट प्रावधान है कि झारखंड के 12 जिलों, 113 प्रखंडों और 1766 गांवों में मुखिया, प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष आदिवासी ही होंगे। ऐसे में कुड़मी जाति का एसटी दर्जा लेना सीधे-सीधे आदिवासी अधिकारों पर डाका डालना है।”
रेल-रोको के जवाब में आदिवासी रैली
गगाराई ने चेतावनी देते हुए कहा कि हाल ही में कुड़मी समाज ने रेल और सड़क जाम कर दबाव बनाने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा –
“आदिवासी समाज भी अब चुप नहीं बैठेगा। 26 सितंबर को विशाल रैली निकाली जाएगी और महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर मांग की जाएगी कि कुर्मी जाति को आदिवासी सूची में शामिल न किया जाए।”
“आदिवासी समाज चुप नहीं रहेगा”
बैठक के अध्यक्ष विपिन हेब्रम ने भी सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि कुड़मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने का विरोध हर स्तर पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा –
“कुर्मी समाज पहले आदिवासी समाज से दूरी बनाए रखता था और बुरा-भला कहता था। आज अचानक वे क्यों आदिवासी समाज का हिस्सा बनना चाहते हैं? इसका साफ मतलब है कि वे सिर्फ आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं। यदि वे रेल रोकेंगे तो हम पूरे झारखंड को रोक देंगे।”
26 सितंबर को विशाल रैली का ऐलान
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 26 सितंबर को सुबह 9 बजे जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज से अनुमंडल कार्यालय तक एक विशाल रैली निकाली जाएगी। इसी दिन राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन अनुमंडल पदाधिकारी को सौंपा जाएगा।
कोल्हान आदिवासी अधिकार मंच का गठन
आंदोलन को धार देने के लिए कोल्हान आदिवासी अधिकार मंच का गठन किया गया। इसमें –
- लक्ष्मीनारायण गगाराई – संयोजक अध्यक्ष
- बिपिन हेम्ब्रम – अध्यक्ष
- निर्मल सिंकु – उपाध्यक्ष
- मंजीत कोड़ा – महासचिव
- समियल लागुरी – सचिव
सलाहकार मंडली में सोमा कोड़ा, सोमनाथ सिंकु, सुरेंद्र सिंकु, वीरेंद्र केराई और राजू लागुरी को शामिल किया गया।
बड़ी संख्या में लोग रहे शामिल
बैठक में पुत्कर लागुरी, बलराम लागुरी, गंगाधर चतोम्बा, योगेश सिंकु, विजय बोदरा, संजय जेराई, सुरेश कोड़ा, मजीत कोड़ा, बीरेंद्र बालमुचू, जितेंद्र कोड़ा, मिलु पुरती, कृष्णा सिंकु, लक्ष्मी नारायण लागुरी, सुनील अंगरिया, अशोक सिंकु समेत बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद रहे।















