रिपोर्ट: शैलेश सिंह।
देशभर में चलाए जा रहे वित्तीय समावेशन संतृप्तिकरण अभियान के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक और वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित विशेष शिविर का आयोजन पश्चिमी सिंहभूम के नोआमुंडी प्रखंड अंतर्गत दूधबिला पंचायत में किया गया। इस दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची के क्षेत्रीय निदेशक श्री प्रेम रंजन प्रसाद सिंह ने शिविर का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की और मौजूद प्रतिभागियों को संबोधित किया।

श्री सिंह ने क्षेत्रीय बैंक अधिकारियों, बैंकिंग संवाददाताओं (BC) और कर्मचारियों से संवाद करते हुए पुनः केवाईसी प्रक्रिया की महत्ता पर ज़ोर दिया और कहा कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शिविरों का आयोजन देर शाम तक किया जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनसेवा का एक राष्ट्रीय संकल्प है, जिसे पूरे मन, कर्म और संकल्प के साथ पूरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने “जन-गण-मन” सूत्र के माध्यम से अभियान की भावना को परिभाषित करते हुए कहा —
- “जन” यानी जनता, जिनके हित में यह अभियान चलाया जा रहा है।
- “गण” यानी बैंकिंग अधिकारियों की भागीदारी, जो इस अभियान की रीढ़ हैं।
- “मन” यानी मनोयोग, समर्पण और निष्ठा, जो इस अभियान को सफल बनाएगा।
4239 खातों का पुनः केवाईसी, 2448 बीमा नामांकन
शिविर के दौरान 4239 खातों का पुनः केवाईसी सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया, वहीं 2448 प्रतिभागियों ने विभिन्न बीमा योजनाओं (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना) में नामांकन कराया। शिविर में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत नए खाते भी खोले गए तथा लोगों को नॉमिनेशन, निष्क्रिय खातों की पुनर्सक्रियता और ग्राहक सेवा से जुड़ी जानकारी भी दी गई।

शिविर में बैंकिंग सुविधाओं की पूरी जानकारी दी गई
इस अवसर पर उपस्थित वाणिज्यिक बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभागियों को डिजिटल लेन-देन, आरबीआई ओम्बड्समैन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड-अप इंडिया योजना जैसी अनेक वित्तीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि राज्य में 1,10,973 बैंकिंग संवाददाता (BC) सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें से 49,004 स्थायी हैं। इन संवाददाताओं के ज़रिये ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि सरलीकृत केवाईसी फॉर्म की व्यवस्था की गई है जिससे लोग बिना जटिल प्रक्रिया के अपने खातों को सक्रिय व अद्यतन कर सकते हैं। शिविर के दौरान वित्तीय साक्षरता पोस्टर, जागरूकता पत्रक भी वितरित किए गए।
वरिष्ठ अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि रहे उपस्थित
शिविर में भारतीय स्टेट बैंक की क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीमती कविता कुमारी, बैंक ऑफ इंडिया के सहायक महाप्रबंधक श्री अजीत कांत, दूधबिला पंचायत के मुखिया सहित 15 बैंक शाखा प्रबंधक, सीएफएल प्रतिनिधि, बैंकिंग संवाददाता एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

श्री सिंह ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक इस अभियान की निरंतर निगरानी कर रहा है और सभी बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे जनता तक सेवाएं पहुँचाने में अग्रणी भूमिका निभाएं।
निष्कर्ष:
वित्तीय समावेशन अभियान के इस विशेष शिविर में क्षेत्रीय निदेशक ने जो स्पष्ट संदेश दिया — वह यही है कि बैंकिंग सेवाएं हर नागरिक के द्वार तक पहुंचनी चाहिए, और इसके लिए बैंकों, संवाददाताओं, प्रशासन और स्वयं जनता को मिलकर प्रयास करना होगा।















