जगह-जगह कचरे के ढेर, गंदगी और दुर्गंध से लोगों का जीना दुश्वार
गुवा संवाददाता। गुवा सेल में सफाई कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल सोमवार को चौथे दिन भी जारी रही। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के बैनर तले चल रही इस हड़ताल ने पूरे गुवा की स्वच्छता व्यवस्था को ठप कर दिया है। अस्पताल, जनरल ऑफिस, कॉलोनियां, बाजार और मुख्य सड़कों पर कचरे के ढेर लग गए हैं।

शहर गंदगी से बेहाल
हड़ताल का असर गुवा की गलियों और सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है। जगह-जगह पड़े कचरे से उठती बदबू ने माहौल असहनीय बना दिया है। तेज धूप और उमस में गंदगी सड़ने लगी है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो डेंगू, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं।
कर्मियों की मुख्य मांगें
सफाई कर्मियों का कहना है कि वे लंबे समय से अस्थायी आधार पर काम कर रहे हैं और उन्हें अब तक नियमित नहीं किया गया है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं—
- नियमितीकरण
- न्यूनतम मजदूरी की गारंटी
- समय पर वेतन भुगतान
- सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था
कर्मियों का आरोप है कि सेल प्रबंधन बार-बार आश्वासन देता है, लेकिन ठोस कार्रवाई कभी नहीं की जाती।
प्रबंधन की दलील
सेल प्रबंधन का कहना है कि हड़ताल से कार्य और उत्पादन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। प्रबंधन ने बातचीत से समाधान निकालने की बात कही है, लेकिन सफाई कर्मी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और बिना लिखित आश्वासन के काम पर लौटने से इंकार कर रहे हैं।

अस्पताल में बिगड़ी स्थिति
हड़ताल का सबसे बुरा असर गुवा सेल अस्पताल में देखा जा रहा है। अस्पताल परिसर में गंदगी फैल गई है और मरीजों के लिए स्थिति बेहद कठिन हो गई है।
अस्पताल के सीएमओ डॉ. अशोक कुमार अमन ने बताया—
“हमने दो-तीन सफाई कर्मियों को बुलाया था, लेकिन यूनियन ने साफ मना कर दिया। सफाई न होने से मरीजों के इलाज में कठिनाई हो रही है। गंदगी के कारण बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।”
आम जनता की नाराजगी
गुवा के स्थानीय निवासियों ने हड़ताल की वजह से हो रही गंदगी पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो हालत और बिगड़ जाएगी। लोग प्रबंधन और यूनियन दोनों से अपील कर रहे हैं कि आपसी बातचीत से रास्ता निकाला जाए ताकि शहर गंदगी से मुक्त हो सके।
यह संघर्ष अब जन-स्वास्थ्य बनाम मजदूर अधिकारों की लड़ाई में बदल चुका है। सवाल है कि प्रबंधन और यूनियन कब तक आम जनता को इस गंदगी और संकट के बीच झोंके रहेंगे?















